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भारत ने बागवानी के मामले में उन्नति कर अपना अलग स्थान हासिल किया

भारत ने बागवानी के मामले में उन्नति कर अपना अलग स्थान हासिल किया

भारतीय किसान बागवानी के माध्यम से अच्छी खासी आमदनी कर अपनी आजीविका चलाते हैं। भारत के बड़े इलाके में बागवानी फसलों का उत्पादन किया जाता है। फल, सब्जी की पैदावार में भारत चीन के बाद द्वितीय स्थान पर हांसिल कर लिया है। भारत के किसान विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रहे हैं। विभिन्न खाद्य उत्पाद की उत्पादन में देश-दुनिया में एक अलग स्थान रखता है। अनाज की पैदावार में भारत दुनिया की गिनती उच्चतम उत्पादकों में आती है। चीनी, चावल के उत्पादन में भी भारत विश्व के अग्रणियों में शुमार है। परंतु, अब बागवानी क्षेत्र में भी भारत ने अपना ड़ंका बजाया है। बागवानी उत्पादन में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर आ चुका है। वहीं, पहले स्थान पर चीन है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने बताया है, कि पारंपरिक फसलों के सापेक्ष बागवानी उत्पादन करके किसान बेहतरीन आमदनी कर सकते हैं।

भारत के अंदर बागवानी फसलीय रकबा कितना है

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बागवानी फसलों के लिए काफी उपयुक्त मानी जाती है। इसी वजह से यहां बागवानी फसलोें का उत्पादन अच्छा रहता है। भारत में किसान इस कारण से भी अच्छी आमदनी कर लेते हैं, क्योंकि बाकी देशों के तुलनात्मक भारत में बागवानी फसलों पर खर्चा काफी कम आता है। भारत में बागवानी सकल फसली क्षेत्र 13.1 फीसद पर है। लेकिन, सकल घरेलू उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी लगभग 30.4 प्रतिशत है। यह भी पढ़ें : मैना चौधरी बागवानी के क्षेत्र में बनीं महिलाओं के लिए मिशाल

बागवानी फसलों का उत्पादन कितना हो रहा है

बागवानी उत्पादन के आंकड़ें भी देखने को मिलते रहते हैं। बतादें, कि साल 2001-02 में बागवानी पैदावार जहां 8.8 टन प्रति हेक्टेयर रही है। साथ ही, साल 2020-21 में इजाफा होकर 12.1 टन प्रति हेक्टेयर तक पहुँच गया है। इससे किसान भाइयों की आमदनी भी वृद्धि हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021-22 में 341.63 मिलियन टन बागवानी उत्पादन होने की संभावना रही है। इसमें फलों की पैदावार तकरीबन 107.10 मिलियन टन वहीं सब्जी की पैदावार तकरीबन 204.61 मिलियन टन रहा है।

बिहार किस क्षेत्र में अपना अलग स्थान रखता है

बागवानी उत्पादन के संदर्भ में बिहार भी अपना एक भिन्न स्थान रखता है। लाखों की तादात में बिहार के किसान भाई बागवानी पर आश्रित रहते हैं। भारत में लीची की सर्वाधिक पैदावार बिहार में की जाती है। इतना ही नहीं बिहार मखाना, मशरुम के उत्पादन में भी काफी अग्रणीय है। आम उत्पादन के संबंध में भारत अपना चौथा स्थान रखता है। भारत के अंदर बिहार राज्य में समकुल 13 प्रतिशत भिंडी उत्पादन करता है। बागवानी से राज्य के किसान काफी अच्छी आमदनी कर रहे हैं।
किसान श्रवण सिंह बागवानी फसलों का उत्पादन कर बने मालामाल  

किसान श्रवण सिंह बागवानी फसलों का उत्पादन कर बने मालामाल  

किसान श्रवण सिंह के बगीचे में 5 हजार अनार के पेड़ हैं। बतादें कि लगभग इतने ही पेड़ उन्होंने अपने भाई के फॉर्म हाउस में लगाए हैं। इसके अतिरिक्त वे ताइवान पिंक अमरूद, केसर आम की एक विशेष किस्म की भी खेती कर रहे हैं। वह सभी फसलों की खेती जैविक विधि के माध्यम से करते हैं। वर्तमान में राजस्थान में किसान पारंपरिक खेती करने की जगह बागवानी में अधिक परिश्रम कर रहे हैं। इससे यहां के किसान बागवानी से फिलहाल खुशहाल हो गए हैं। उनकी कमाई लाखों में हो रही है। आज हम राजस्थान के एक ऐसे किसान के विषय में बात करेंगे जो चीकू, खीरे, नींबू, आम और अनार की खेती से साल में 40 लाख रुपये की आय कर रहा है। विशेष बात यह है, कि इस किसान द्वारा उगाए गए अनार की माँग विदेशों तक में है।

श्रवण सिंह एक पढ़े-लिखे ग्रेजुएट किसान हैं

दरअसल, हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सिरोही जनपद के रहने वाले किसान श्रवण सिंह के विषय में। श्रवण सिंह पढ़े- लिखे ग्रेजुएट किसान हैं। पहले वह रेडीमेड कपड़ों का व्यवसाय करते थे। परंतु, इस व्यवसाय में उनका मन नहीं लग रहा है। अब ऐसी स्थिति में श्रवण सिंह ने बागवानी करने का निर्णय लिया। वे आधुनिक विधि के माध्यम से  चीकू, खेरी, नींबू, आम और सिंदूरी अनार की खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें वार्षिक 40 लाख रुपये की आमदनी हो रही है।

अंगूर की खेती पर प्रयोग चल रहा है

वर्तमान में श्रवण सिंह अंगूर के ऊपर भी प्रयोग कर रहे हैं। उनका कहना है, कि अनार, नींबू, और अमरूद की बिक्री करके वह साल में 40 लाख रुपये की कमाई कर लेते हैं।

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नींबू की खेती इतने हेक्टेयर रकबे में शुरू की गई

श्रवण सिंह के कहने के अनुसार पहले उन्होंने बागवानी की शुरुआत क्रॉप पपीते से की थी। इसमें उन्हें काफी मोटा मुनाफा प्राप्त हुआ। ऐसे में वह आहिस्ते-आहिस्ते बागवानी का क्षेत्रफल बढ़ाते गए। ऐसे में उन्हें तीसरे वर्ष से 18 लाख रुपये की आय होने लगी। इसके उपरांत उन्होंने वर्ष 2011 में 12 हेक्टेयर में नींबू की खेती चालू कर दी। उसके बाद साल 2013 से उन्होंने अनार के भी पौधे रोपने शुरू कर दिए। 2 साल के उपरांत से ही अनार का उत्पादन शुरू हो गया। श्रवण सिंह ने बताया है, कि वे अपने खेत में उगाए गए अनार की सप्लाई बांग्लादेश, नेपाल और दुबई में भी करते है। मुख्य बात यह है, कि लैब में जाँच होने के बाद उनके उत्पादों का निर्यात होता है। इसके अतिरिक्त वे रिलायंस फ्रेश, सुपरमार्केट एवं जैन इरीगेशन जैसी मल्टिनेशनल कंपनियों को भी फल सप्लाई करते हैं।